Tuesday, 8 April, 2025

‘पीकेएल लेवल अप’: ओलंपिक पदक विजेता पीआर श्रीजेश ने प्रो कबड्डी खिलाड़ियों के लिए प्लेयर डेवलपमेंट वर्कशॉप का नेतृत्व किया

युगवार्ता    03-Apr-2025
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प्रो कबड्डी खिलाड़ियों के लिए प्लेयर डेवलपमेंट वर्कशॉप में पीआर श्रीजेश


नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के आयोजक माशल स्पोर्ट्स ने खिलाड़ियों के समग्र विकास के उद्देश्य से ‘पीकेएल लेवल अप’ प्लेयर डेवलपमेंट वर्कशॉप का आयोजन किया। यह अनूठी पहल खिलाड़ियों को न केवल मैट पर बल्कि उससे बाहर भी सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। वर्कशॉप में खिलाड़ियों को सोशल मीडिया, मीडिया इंटरव्यू, मानसिक मजबूती और करियर प्रबंधन जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।

इस कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज शामिल हुए, जिनमें ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पी.आर. श्रीजेश, मेटा इंडिया की अल्पी चौधरी, प्रसिद्ध कंटेंट क्रिएटर दीपक पारीक, वर्ड्सवर्क कम्युनिकेशंस कंसल्टिंग की सीईओ नेहा माथुर रस्तोगी, और प्रसिद्ध स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट डॉ. चैतन्या श्रीधर प्रमुख रहे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खिलाड़ियों को खेल के साथ-साथ जीवन में भी सफल होने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना था।

पी.आर. श्रीजेश ने साझा किए सफलता के मंत्र

पी.आर. श्रीजेश ने अपनी प्रेरणादायक बातें साझा करते हुए कहा, जब आप जीतते हैं, तो लोग आपको याद रखते हैं, लेकिन असली सीख तब मिलती है जब आप हारते हैं। हार के बाद जो खिलाड़ी लगातार मेहनत करता है, वही अंततः सफल होता है।

उन्होंने खिलाड़ियों को सोशल मीडिया और सार्वजनिक जीवन में अपनी छवि को बेहतर बनाने की सलाह दी। जीवन केवल खेल के मैदान तक सीमित नहीं होता। आपका पारिवारिक जीवन, सोशल मीडिया पर आपकी प्रस्तुति, और आपके द्वारा प्रदर्शित मूल्य—ये सब आपकी पहचान का हिस्सा होते हैं।

इसके अलावा, उन्होंने टीमवर्क पर जोर देते हुए कहा, टीम में एक खिलाड़ी की गलती पूरे दल को प्रभावित कर सकती है। इसलिए आपसी समझ बहुत महत्वपूर्ण होती है। मैदान पर प्रतिद्वंद्विता होती है, लेकिन मैच के बाद सम्मान और खेल भावना कायम रहनी चाहिए।

मानसिक मजबूती पर डॉ. चैतन्या श्रीधर के सुझाव

डॉ. चैतन्या श्रीधर, जिन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में पहली महिला स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट के रूप में इतिहास रचा है, ने खिलाड़ियों को मानसिक मजबूती के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, खेल करियर छोटा होता है, इसलिए खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत रहना बेहद जरूरी है। चोट से उबरने के दौरान या खराब प्रदर्शन के समय मानसिक तैयारी सफलता की कुंजी होती है।

प्रो कबड्डी लीग का उद्देश्य: खिलाड़ियों का सर्वांगीण विकास

प्रो कबड्डी लीग के कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए कहा, हमारे खिलाड़ी इस खेल की नींव हैं। वे सिर्फ मैट पर नहीं, बल्कि अपने व्यक्तित्व से भी इस खेल को एक नई पहचान देते हैं। जैसे-जैसे लीग आगे बढ़ रही है, ऐसे कार्यक्रम जरूरी हैं ताकि कबड्डी को और अधिक लोकप्रिय बनाया जा सके।

कई स्टार खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

इस वर्कशॉप में प्रदीप नरवाल, आशु मलिक और सचिन तंवर जैसे कई दिग्गज कबड्डी खिलाड़ियों ने भाग लिया। उन्होंने नेतृत्व कौशल, संवाद कौशल, व्यक्तिगत ब्रांडिंग और करियर प्रबंधन पर केंद्रित सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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