आर्थिक विकास में आईआरएस अधिकारियों की भूमिका अहम: पंकज चौधरी

युगवार्ता    25-Apr-2025
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आईआरएस प्रशिक्षुओं के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता करते पंकज चौधरी


पुरस्‍कार वितरित करते केंद्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी


नई दिल्ली, 25 अप्रैल (हि.स)। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के पालसमुद्रम् स्थित राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नार्कोटिक्स अकादमी में 25 पुरुष और 17 महिला अधिकारियों सहित 42 भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर) अधिकारी प्रशिक्षुओं के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्‍होंने आईआरएस अधिकारियों की भूमिका को अहम बताया। चौधरी ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी ईमानदारी, निष्ठा और दक्षता के साथ राष्ट्र की आर्थिक प्रगति और राजस्व प्रणाली को सशक्त बनाएंगे।

वित्‍त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इस अवसर पर वित्त राज्यमंत्री चौधरी ने बैच की उपलब्धियों की सराहना की और पारदर्शी तथा जवाबदेह कर प्रणाली के निर्माण में उनकी जिम्मेदारी पर जोर दिया। चौधरी ने आर्थिक विकास में आईआरएस अधिकारियों की भूमिका को रेखांकित किया और उनसे साहस और स्पष्टता के साथ नेतृत्व करने का आग्रह किया। उन्‍होंने आर्थिक प्रगति और सामाजिक समानता को बढ़ावा देकर सरकार के विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की उनकी क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया।

इस अवसर पर सीबीआईसी के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल ने अपने संबोधन में 75वें बैच के अधिकारियों को बधाई दी। उन्‍होंने राजस्व जुटाने, व्यापार सुविधा और राष्ट्रीय विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और उनसे अपडेट रहने, ईमानदारी बनाए रखने और कुशलतापूर्वक सेवा करने के लिए डिजिटल परिवर्तन को अपनाने का आग्रह भी किया। अग्रवाल ने अधिकारियों से प्रवर्तन और सुविधा के बीच संतुलन बनाने का आग्रह किया और अधिकारियों को सहानुभूति, आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ नेतृत्व करने को प्रोत्साहित किया।

सीबीआईसी की सदस्य अरुणा नारायण गुप्ता ने अपने संबोधन में अधिकारियों को नैतिक आचरण, सहानुभूति और निरंतर सीखने पर जोर दिया। इसके साथ ही आईआरएस अधिकारियों के लिए “सेवाभाव” को एक आधारभूत गुण बताया और उनसे सहानुभूति, विनम्रता और सेवा-उन्मुख होकर अपने कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोक सेवकों को अपने आचरण में सुलभ, निष्पक्ष और नागरिक-केंद्रित रहना चाहिए और लोगों की सेवा करना ही उनका लक्ष्य होना चाहिए।

इसके साथ ही एनएसीआईएन के महानिदेशक डॉ. एम. सुब्रमण्यम ने अधिकारियों से मुखातिब होते हुए कहा कि वे नव विकसित एनएसीआईएन पालसमुद्रम् परिसर में अपना संपूर्ण आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पहले बैच के अधिकारी हैं, जिससे यह अवसर अकादमी के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन गया है।

75वें बैच के असाधारण प्रदर्शनकर्ताओं को उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए स्वर्ण पदक से किया गया सम्मानित-

वित्त मंत्री का स्वर्ण पदक:- श्रीकुमार रविन्द्रकुमार को शैक्षणिक, उपस्थिति और शारीरिक प्रशिक्षण में संतुलित उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रदान किया गया।

अध्यक्ष का स्वर्ण पदक:- लिखित परीक्षाओं में सर्वोच्च कुल अंक प्राप्त करने के लिए अभिषेक माजी को प्रदान किया गया।

श्रीमती कौशल्या नारायणन स्मारक स्वर्ण पदक:- सर्वश्रेष्ठ महिला अधिकारी ट्रेनी के रूप में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पूजा बरवाल को प्रदान किया गया।

महानिदेशक का स्वर्ण पदक:- पूरे प्रशिक्षण के दौरान लगातार प्रदर्शन और उत्कृष्ट आचरण के लिए शांतनु सुनील मालानी को प्रदान किया गया।

श्री एनके उपाध्याय स्मारक स्वर्ण पदक:- अनुकरणीय अनुशासन, आचरण और टीम वर्क के लिए सत्या पार्वती आर को प्रदान किया गया।

मंत्रालय के मुताबिक पालसमुद्रम् स्थित राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नार्कोटिक्स अकादमी में आईआरएस के 42 ट्रेनी अधिकारियों के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड में 25 पुरुष और 17 महिला अधिकारी शामिल हुए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भूटान की शाही सरकार के 5 अधिकारी भी शामिल थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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