काठमांडू, 20 फरवरी (हि.स.)। यूरोपीय यूनियन की ब्लैक लिस्ट से 12 वर्षों बाद भी नेपाली विमान कंपनियों का नाम न हटने के बाद अब नेपाल सरकार ने भी यूरोप में बने विमानों की खरीद पर रोक लगा दी है। नेपाल सरकार के बार-बार आग्रह करने और विभिन्न कूटनीतिक प्रयासों के बाद भी यूरोपीय यूनियन ने अपने हवाई क्षेत्र में नेपाली कंपनियों के विमानों की लैंडिंग पर रोक नहीं हटाई है। इससे नाराज होकर नेपाल ने सुरक्षा कारण बताते हुए यह कड़ा फैसला लिया है। सरकार ने यूरोपीय देश में बने विमान की खरीद पर रोक लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
नेपाल नागरिक उड्डयन विभाग के प्रवक्ता ज्ञानेन्द्र भुल ने बताया कि हाल ही में नेपाल की कंपनी माउंटेन एयर ने एक एटीआर खरीदने की अनुमति मांगी थी, जिसे प्राधिकरण ने रोक दिया है। प्रवक्ता का कहना है कि नेपाल में सबसे अधिक दुर्घटना का शिकार एटीआर विमानों का ही हुआ है, जिसके पीछे विमान की तकनीकी खराबी बताई गई है। एटीआर एक फ्रांसीसी कंपनी है, जो छोटे विमान का निर्माण करती है। नेपाल की सभी घरेलू विमान कंपनी इसी कंपनी से विमान खरीदती है। इसी तरह नेपाल में अंतराष्ट्रीय उड़ान भरने के लिए फ्रांसीसी कंपनी एयरबस का विमान है।
नागरिक उड्डयन मंत्री बद्री पांडे ने स्वीकार किया कि यूरोपीय यूनियन देशों की मनमानी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से नेपाल पर दबाव डाल कर नए नियम बनाने और कई कानूनों के संशोधन की शर्त रखी थी, जिसे नेपाल ने पूरा भी कर लिया था। मंत्री पांडे ने बताया कि सभी शर्तों को मानने के बावजूद हर वर्ष एक नई शर्त के साथ नए बहाने बनाकर हमारी विमान कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब उनकी तरफ से नागरिक उड्डयन विभाग का दो भागों में बंटवारा करने और विमान संचालन तथा एयरपोर्ट मैनेजमेंट को अलग-अलग विभाग बनाने की शर्त रखी।
मंत्री पांडे ने कहा कि सरकार अगर अपने रूख पर कायम रहती है तो माउंटेन एयर की तरह एटीआर से नए विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने वाले बुद्ध एयर, यति एयर, सौर्य एयरलाइंस तथा हेलीकॉप्टर संचालन करने वाली कंपनियां का सौदा रुक जाएगा। इसी तरह नेपाल की ध्वजवाहक विमान कंपनी नेपाल एयरलाइंस की एयरबस से खरीद प्रक्रिया भी रूक जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास