ओडिशा में भी भगवा

15 Jun 2024 16:51:10
दो दशक से अधिक समय बाद ओडिशा में नवीन युग खत्म हुआ। अब यहां भगवा लहराया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस पूर्वी प्रदेश में इतिहास रच दिया। पहली बार अपने दम पर सरकार बना रही है। लोकसभा के साथ ही 4 जून को ओडिशा विधानसभा चुनाव का भी नतीजा आया। 147 सीटों वाले ओडिशा विधानसभा में भाजपा को 78, बीजद को 51, कांग्रेस 14, सीपीआई (एम) को 1 और अन्य को 3 सीट मिला है। इस प्रकार भाजपा ने यहां बहुमत का जादुई आंकड़े को पार कर लिया है।
cm orisa
इस बार चुनाव प्रचार के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 10 जून को ओडिशा में भाजपा का मुख्यमंत्री शपथ लेगा। दस जून को तो भाजपा के मुख्यमंत्री ने तो शपथ नहीं लिया लेकिन 11 जून को मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा जरुर हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में भाजपा विधायकों ने 52 वर्षीय आदिवासी नेता मोहन चरण माझी को अपना नेता नेता चुना। इन्होंने 12 जून को प्रदेश के 15 वें एवं भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इनके साथ पार्टी ने दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए हैं।
 
माझी के साथ विधायक केवी सिंह देव और पार्वती परीदा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मोहन माझी चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। राज्य में इनकी पहचान एक तेज तर्रार आदिवासी नेता की है।
माझी ओडिशा में करोड़ों रुपए के मिड डे मील घोटाले के खिलाफ आंदोलन से चर्चा में आए। भाजपा लंबे समय से घोटाले की जांच की मांग कर रही थी। जांच की मांग अनदेखी होने पर माझी ने भरे सदन में स्पीकर पर दाल फेंक कर विरोध जताया। बाद में इनके विरोध का यह अनोखा अंदाज ही इनकी पहचान बन गई। हालांकि इस घटना के बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया था।
मोहन चरण माझी ने अपनी राजनीति की शुरुआत सरपंच से की थी। वे 1997 में सरपंच बने थे और 2000 तक इस पद पर रहे थे। उसके बाद भाजपा ने इन्हें विधानसभा का टिकट दिया और वे विधायक चुने गए। वे राज्य में भाजपा के आदिवासी मोर्चा में भी थे। माझी ओडिशा विधानसभा में भाजपा विधायक दल के चीफ व्हिप की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। माझी संथाल जनजाति से आते हैं। इनका गांव क्योंझर जिले के अंतर्गत रायकला है। पार्टी ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया है अब भाजपा की ओर से एक आदिवासी ओडिशा का मुख्यमंत्री बनने जा रहा है।
 
इस बार का विधानसभा चुनाव इन्होंने क्योंझर विधानसभा सीट से जीते हैं। इस सीट पर वे लगातार दूसरी बार जीते हैं। इसके पहले 2009 और 2014 में इन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार इन्होंने बीजू जनता दल की मीना माझी को 11 हजार से ज्यादा वाेटों के अंतर से हराया है। पिछली इनके जीत का अंतर बहुत काम था। 2019 में इनके जीत का अंतर सिर्फ 1,124 वोटों का था। इन पर अब तक भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं लगे हैं। माझी भाजपा के समर्पित नेता हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी इनके अच्छे रिश्ते हैं। शायद संघ से अच्छे संबंध का इन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया। बीजू जनता दल की लंबे शासनकाल में भी माझी चुनाव जीतते रहे हैं।
Powered By Sangraha 9.0