बड़े बेआबरू होकर...

युगवार्ता    19-Jan-2024   
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तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को आखिरकार लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने मंजूरी दे दी।

महुआ मोइत्रा
ड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले की तर्ज पर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को आखिरकार लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। महुआ पर आरोप था कि उन्होंने ‘पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछे’ और संसद से मिला अपना लॉग-इन और पासवर्ड एक उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किया। इन आरोपों की जांच के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने मामला संसद की एथिक्स कमेटी को भेजा था, जिसकी रिपोर्ट पर उन्हें संसद से बर्खास्त किया गया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने मंजूरी दे दी। महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता जाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर से वॉकआउट कर गए। संसद सदस्यता को लेकर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए उनका सांसद बना रहना उचित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। दुबे ने यह आरोप तीन साल तक महुआ मोइत्रा के साथ रिलेशन में रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा महुआ के खिलाफ सीबीआई व उन्हें लिखे गये पत्र के आधार पर लगाया और इसकी जांच की मांग की थी। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने के लिए लिखा था। वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया था कि संसद में प्रश्न पूछने के लिए महुआ मोइत्रा और बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत के लेन-देन के अकाट्य सबूत हैं।
निशिकांत दुबे का कहना है कि जब संसद का ईमेल आईडी या मेंबर पोर्टल किसी सांसद को मिलता है तो हम एनआईसी के साथ एक करार करते हैं। इसका पहला ही बिंदु यह है कि इस मेल आईडी पासवर्ड को गोपनीय रखा जाएगा। किसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा। मैंने तो सोच समझकर इस करार पर हस्ताक्षर किया। डिग्री वाली ने पढ़ा कि नहीं या चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा बेच दी? वहीं उनसे पहले भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने भी महुआ पर निशाना साधते हुए कहा था कि एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी भी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि चोरी और फिर सीना जोरी - महुआ मोइत्रा।
एक कहावत है कि बिना आग धुआं नहीं दिखाई देता है। कुछ चीजें तो ऐसी रही ही होंगी जो महुआ को आज सफाई देनी पड़ रही है। भाजपा सांसद दुबे ने दावा किया था कि देहाद्राई ने रिसर्च के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि मोइत्रा की ओर से हाल ही में पूछे गए 61 सवालों में से 51 हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि व्यापारिक समूह के साथ अपनी सांठगांठ की आड़ में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को निशाना बनाया गया। देहाद्राई ने प्रासंगिक कागजात संलग्न करके अपने आरोपों का समर्थन किया था, जो लोकसभा सचिवालय के साथ साझा किए गए थे।

सुभाष सरकार
“एक दिन में महुआ मोइत्रा का पोर्टल दिल्ली, बेंगलुरु, दुबई और अमेरिका से खुलता है। किसके लिए? एक कॉपोर्रेट हाउस और एक व्यापारी के लिए। -सुभाष सरकार, केंद्रीय मंत्री”
 
जिन दर्शन हीरानंदानी से पैसे व उपहार लेकर सवाल पूछने के आरोप में महुआ की संसद सदस्यता गई है उन्होंने सीबीआई को एक हलफनामा भेजकर स्वीकार किया था कि टीएमसी सांसद ने महंगे लग्जरी आइटम, दिल्ली में उनके बंगले की मरम्मत, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में अलग-अलग जगहों पर यात्राओं के लिए उनसे कई बार मदद ली है। बहरहाल, संसद सदस्यता गंवाने के बाद महुआ ने कहा कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। मैंने अडानी का मुद्दा उठाया था और आगे भी उठाती रहूंगी। किसी भी उपहार की या नकदी का कोई सबूत नहीं है। मोइत्रा ने कहा कि निष्कासन की सिफारिश पूरी तरह से इस आधार पर है कि मैंने अपना पोर्टल लॉगिन साझा किया है। इसको नियंत्रित करने के लिए कोई भी नियम नहीं हैं। एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह भाजपा के अंत की शुरूआत है।
उन्होंने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार ने सोचा है कि मुझे चुप कराकर अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे तो बता दूं कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है। आप एक महिला सांसद को किस हद तक परेशान करेंगे। वह संसद से बाहर निकली हैं देश से नहीं। अभी वे 49 साल की हैं और आने वाले 30 सालों तक भाजपा और उसकी विचारधारा से लड़ती रहेंगी और उसके अंत को अपने सामने ही सुनिश्चित करेंगी। फिलहाल अपने निष्कासन को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। देखना है कि शीर्ष न्यायालय इस पर क्या निर्णय देता है।
निष्काषित होने वाली महुआ 15वीं सांसद
विपक्ष की ओर से इस निष्कासन पर सवाल खड़े किए गए वहीं भाजपा ने पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन को उचित ठहराया और कहा कि यह मामला महिलाओं से जुड़ा मुद्दा नहीं है। साथ ही भाजपा की ओर से यह भी कहा गया कि टीएमसी सांसद ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से गिμट लेने की बात स्वीकार की है। निष्कासन को लेकर विपक्ष के सवाल पर भाजपा की ओर से कहा गया कि कांग्रेस ने एक दिन में 10 सांसदों को निलंबित कर दिया था। संसद में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इसकी शुरूआत 1951 में ही हो गई थी।
1951
कांग्रेस सांसद एचजी मुद्गल सदन से निष्कासित होने वाले पहले सांसद थे। संसद में सवाल पूछने के एवज में पैसा लेने के आरोप में इन्हें लोकसभा से हटाया गया। उस वक्त देश में पहला आमचुनाव नहीं हुआ था।
1976
सुब्रमण्यम स्वामी को उनके गलत व्यवहार के लिए 1976 में राज्यसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर संसद को लेकर गलत कमेंट करने के आरोप लगे थे।
1978
पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी का निष्कासन 14 दिसंबर, 1978 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव और सदन द्वारा मतदान के आधार पर हुआ था। इंदिरा गांधी लोकतंत्र में विशेषाधिकार हनन के आरोप में फंसने वाली पहली पूर्व प्रधानमंत्री बनीं।
2005
सदन में सवाल उठाने के बदले पैसे लेते हुए कैमरे में कैद होने के बाद लोकसभा के 10 और राज्यसभा के एक सदस्य को निष्कासित कर दिया गया था। इनमें प्राय: सभी दलों के सांसद थे।
2016
सांसद विजय माल्या को राज्यसभा से निष्काषित कर दिया गया। 9,400 करोड़ रुपये से अधिक के लोन डिफॉल्ट से संबंधित मामले की जांच करते हुए संसदीय पैनल ने सर्वसम्मति से कार्रवाई का समर्थन किया।
बैंकर से बर्खास्तगी तक
अक्सर विवादों में रहने वाली तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा राजनीति में आने से पहले अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक जेपी मॉर्गन में काम करती थीं। उन्होंने 2009 में लंदन की अपनी नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने मासाचुसेट्स के माउंट होलीओक कॉलेज से गणित और अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की है। पश्चिम बंगाल की 44 वर्षीय सांसद अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत के दौरान कुछ समय के लिए पश्चिम बंगाल कांग्रेस में रही थी। लेकिन फिर वह ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई। वह कई वर्षों तक तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रही और अक्सर टीवी के टॉक शो में शामिल होती रहीं। 2019 के लोकसभा चुनावों में महुआ ने अपने लोकसभा संसदीय क्षेत्र में भाजपा के कल्याण चौबे के खिलाफ 60,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। मुंहफट सांसद महुआ मोइत्रा व विवादों का चोली दामन का साथ है। 7 फरवरी, 2023 को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान एक अन्य सांसद के लिए हरामी शब्द का प्रयोग किया। सदन में अध्यक्ष के सामने ‘अडाणी ग्रुप’ पर मुद्दा रखने के बाद उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल किया। इस मामले में काफी हंगामा हुआ। हालांकि, महुआ मोइत्रा द्वारा ऐसे शब्द संसद या सड़क पर बोला जाना कोई नई बात नहीं। उनकी हरकतों के पीड़ित सिर्फ नेता ही नहीं बल्कि पुलिसकर्मी भी रहे हैं।
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बद्रीनाथ वर्मा

बद्रीनाथ वर्मा (सहायक संपादक)
देश-समाज से जुड़े विभिन्न विषयों पर बेबाक लेखन करने वाले बद्रीनाथ वर्मा ने अपनी पत्रकारिता की यात्रा ऐतिहासिक अखबार ‘दैनिक भारतमित्र‘ से शुरू की। अपने दो दशक से भी अधिक के कार्यकाल में वे कई पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। इन दिनों ‘युगवार्ता‘ पत्रिका में सहायक संपादक के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।