चौंकाने वाले फैसलों में यकीन रखने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर एक बार फिर सभी को विस्मय में डाल दिया है। 18 से 22 सितंबर तक आयोजित होने वाले इस पांच दिवसीय सत्र को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। एक देश एक चुनाव से लेकर समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण और महिला आरक्षण बिल तक लाये जाने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन वास्तव में होना क्या है, ये अभी किसी को नहीं पता। कयास यह भी है कि विशेष सत्र नए संसद भवन में हो सकता है। लेकिन क्या बस इतनी सी बात है या मोदी-शाह के पिटारे में कुछ और भी है?
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए विख्यात हैं उसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि इन्हीं में से कोई हो। हो सकता है कि उनके मन में इससे भी बड़ा कोई प्लान चल रहा हो। ऐसा इसलिए क्योंकि पूरे देश के लिए कोढ़ बन चुके जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व 35ए की समाप्ति की भनक किसी को भी नहीं लगी थी। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती का सटीक आकलन बड़े बड़े राजनीतिक पंडित भी नहीं कर पाये थे।
मीडिया में अटकले चल रही थी कि अमरनाथ यात्रा में आतंकी हमले की आशंका की वजह से यात्रा को बीच में रोककर यात्रियों को वापस भेजा जा रहा है। लेकिन जब 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में जब गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 और 35ए के समापन की घोषणा की तभी लोगों को पता चल पाया।
दूसरे उदाहरण के रूप में नोटबंदी की घोषणा को लिया जा सकता है। नोटबंदी सफल हुआ या असफल यह बात अलग है लेकिन उसकी भी घोषणा 8 नवंबर 2016 को अचानक ही हुई थी। उस दिन रात 8 बजे से पूर्व कोई इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता था। तब इसे पीएम मोदी का भ्रष्टाचार, आतंकवाद व काला धन के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक कहा गया था। घोषणा होने से पहले इसकी तनिक भी भनक किसी को नहीं लगी थी। जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी की अब तक की कार्य प्रणाली को देखते हुए यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या संसद के विशेष सत्र में कुछ बहुत बड़ा होने वाला है?