यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 सीटें और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए 400 सीटें पार का लक्ष्य रखा है। लेकिन क्या वाकई ऐसा संभव है या फिर यह महज चुनावी नारा भर है? वैसे विभिन्न एजेंसियों के सर्वे में सामने आए नतीजों में सचमुच एनडीए अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन करने जा रहा है। सभी सर्वे अनुमानित तौर पर यही बता रहे हैं कि एनडीए इस बार कम से कम 372 सीटें हासिल करने जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद हो चुका है। एक तरफ सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, तो वहीं जनता भी पसंद की सरकार को लेकर अपना मन बनाकर बैठी है। कुल सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच यह रिपोर्ट लिखे जाने तक दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। पहले चरण में 19 अप्रैलको 21 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हुआ। इन 102 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 40 सीटों पर जीत मिली थी। उसके बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम को 24 और कांग्रेस को 15 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। इस बार यह देखना रोचक होगा कि इन 102 सीटों में से किस पार्टी के खाते में कितनी सीटें आती हैं। इसके बाद 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ। इसमें 13 राज्यों की 89 सीटों के लिए वोट डाले गये। रिपोर्ट लिखे जाने तक पांच चरणों का मतदान होना अभी बाकी है।
अब कौन जीतेगा और किसकी सरकार बनेगी। यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन मतदान शुरू होने से पहले तमाम मीडिया हाउसों ने विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की है। सभी ओपिनियन पोल एक ही तरफ इशारा कर रहे हैं। डेलीहंट ने अपने सर्वे में सीटों का कोई आंकड़ा तो नहीं दिया है लेकिन लोगों के रुझान बता रहे हैं कि उन्हें मोदी की गारंटी पर पूरा विश्वास है। सर्वे के जरिए डेलीहंट ने जानने का प्रयास किया कि आखिर इस बार किसका पलड़ा भारी है। इसके लिए 11 भाषायी क्षेत्रों में करीब 77 लाख लोगों से बात की गई। इन सभी लोगों से अलग-अलग तरह के सवाल पूछे गए और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई। सर्वे में 64 फीसदी लोगों ने माना कि देश में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बन रही है।
तीसरी बार सत्ता की दावेदारी कर रही भाजपा ने इस बार 400 पार का नारा दिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 सीटों का लक्ष्य तय किया है। अब यह लक्ष्य संधान होता है या नहीं यह तो चार जून को ही पता चलेगा। लेकिन इससे पहले आये विभिन्न सर्वे इसके आसपास तक पहुंचने का संकेत जरूर दे रहे हैं। विभिन्न एजेंसियों के सर्वे में सामने आए नतीजों में सचमुच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन करने जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने 303 तथा एनडीए ने देशभर की 543 में से 353 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन अगर सर्वे की मानें तो इस बार एनडीए का आंकड़ा कम से कम 372 हो सकता है।
मतदान शुरू होने से पहले तमाम मीडिया हाउसों ने विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की है। इन तमाम ओपिनियन पोल्स की खास बात यह है कि सभी एक ही तरफ इशारा कर रहे हैं।
बहरहाल, तमाम मीडिया हाउसों ने सर्वे एजेंसियों के साथ मिलकर समय-समय पर अपने-अपने सर्वे और ओपिनियन पोल जारी किए हैं जिनका औसत निकालने पर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को कम से कम 372 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। जबकि एनडीए के मुकाबले विपक्षी दलों का आईएनडीआईए गठबंधन इस बार 122 सीटों पर सिमटकर रह सकता है। एनडीए और आईएनडीआईए के अलावा देशभर में 49 सीटें अन्य दल भी जीत सकते हैं।
एबीपी-सी वोटर के 16 अप्रैल, 2024 को किए गए सर्वे के आंकड़ों के अनुसार समूचे भारत में एनडीए को 373 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है, जबकि आईएनडीआईए गठबंधन को 155 और 15 सीटों पर अन्य दलों को जीत हासिल होने के आसार हैं। इससे एक महीना पहले 12 मार्च, 2024 को एबीपी-सी वोटर द्वारा किए गए सर्वे में एनडीए को 366 सीटों, आईएनडीआईए को 156 सीटों और अन्य दलों को 21 सीटों पर जीत के आसार नजर आ रहे थे। एबीपी-सी वोटर ने इससे पहले 25 दिसंबर, 2023 को भी एक सर्वे किया था, जिसमें एनडीए को 295-335, आईएनडीआईए को 165-205 तथा अन्य दलों को 35-65 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।
इसी तरह, टाइम्स-ईटीजी द्वारा भी तीन बार सर्वे किए गए हैं। 16 अप्रैल, 2024 को किए गए सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में एनडीए को 386 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। वहीं, आईएनडीआईए गठबंधन को 118 और 39 सीटों पर अन्य दलों को जीत मिलने के आसार हैं। टाइम्स-ईटीजी के 8 मार्च, 2024 के सर्वे में एनडीए को 358-398 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था जबकि आईएनडीआईए गठबंधन को 110-130 सीटों पर जीत मिलने के आसार बताए गए थे। इसी सर्वे में अन्य दलों को 64-68 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान जताया गया था। टाइम्स-ईटीजी ने इससे पहले 16 दिसंबर, 2023 को भी एक सर्वे किया था। इस सर्वे में एनडीए को 323, आईएनडीआईए को 163 तथा अन्य दलों को 57 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।
टीवी 9 भारतवर्ष तथा पोलस्टार्ट के 16 अप्रैल, 2024 को किए गए सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए को 362, आईएनडीआईए गठबंधन को 149 तथा अन्य दलों को 32 सीटें मिलने की संभावना है। सभी सर्वे में इसका सैम्पल साइज़ सबसे बड़ा, यानी 25 लाख रहा था। इसी के साथ, 16 अप्रैल, 2024 को ही इंडिया टीवी व सीएनएक्स सर्वे में एनडीए को अब तक के बेहतरीन नतीजे मिलने की संभावना जताई गई। इस सर्वे में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 393 लोकसभा सीटों पर जीत के आसार बताए गए। सर्वे के मुताबिक आईएनडीआईए गठबंधन को सिर्फ 99 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा। इंडिया टीवी व सीएनएक्स के इस सर्वे के अनुसार, 51 सीटों पर अन्य दलों को जीत मिलने के आसार जताए गए।
इससे पहले इंडिया टीवी के सीएनएक्स के साथ मिलकर 4 फरवरी, 2024 को किए गए सर्वे में एनडीए को देशभर में 378 लोकसभा सीटों पर जीत मिलने की भविष्यवाणी की गई थी, जबकि आईएनडीआईए को 100 से भी कम सिर्फ 98 सीटों पर जीत मिलने के आसार बताए गए थे। इस सर्वे के मुताबिक, देश में अन्य दलों को 67 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है।
जी न्यूज ने मैट्रिज के साथ मिलकर एक सर्वे किया है। इसमें एनडीए को 390, आईएनडीआईए को 96 और अन्य को 57 सीटें दी गई हैं। इसके पहले जी न्यूज-मैट्रिज ने 28 फरवरी, 2024 को एक सर्वे किया था। इस सर्वे में कहा गया था कि एनडीए 377 सीटों पर जीत सकता है जबकि आईएनडीआईए को सिर्फ 94 सीटों से संतोष करना होगा। इस सर्वे के अनुसार एनडीए और आईएनडीआईए से बाहर के अन्य दलों तथा निर्दलियों को देशभर में 72 सीटों पर जीत मिल सकती है।
तीसरी बार सत्ता की दावेदारी कर रही भाजपा ने इस बार 400 पार का नारा दिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 सीटों का लक्ष्य तय किया है। अब यह लक्ष्य संधान होता है या नहीं यह चार जून को ही पता चलेगा।इसी तरह सी वोटर के साथ 8 फरवरी, 2024 को इंडिया टुडे द्वारा किए गए सर्वे में एनडीए को 335 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था और आईएनडीआईए को 166 सीटों पर जीत मिलने की भविष्यवाणी की गई थी। इस सर्वे में अन्य दलों को सिर्फ 42 सीटें दी गई थीं। 8 फरवरी, 2024 को टाइम्स ने भी मैट्रिज के साथ मिलकर एक सर्वे किया था जिसके परिणामों के अनुसार देशभर में एनडीए को 366, आईएनडीआईए गठबंधन को 104 तथा अन्य दलों को 73 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था।
इन सभी सर्वे के आंकड़ों का औसत निकालने पर समूचे देश की 543 लोकसभा सीटों में से आम चुनाव 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 372 सीटों पर जीत मिलने के आसार हैं। यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आसानी से तीसरा कार्यकाल हासिल होने जा रहा है। अगर यह पोल ऑफ पोल्स सटीक साबित हुआ तो यह एनडीए का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन होगा। भाजपा व एनडीए के प्रदर्शन में लगातार सुधार देखा गया है। लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने 282 सीटें और एनडीए ने 336 सीटों पर जीत हासिल की थी। अगले आम चुनाव 2019 में भाजपा ने अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए 303 सीटों पर विजय पताका फहरा दिया था। एनडीए ने भी 2014 की तुलना में बढ़त बनाते हुए 353 सीटों पर जीत का परचम लहरा दिया।।
बहरहाल, अगर सभी सर्वे का अनुपात निकालें तो सत्ताधारी एनडीए को जहां 372 सीटों पर विजयश्री मिल सकती है। वहीं विपक्षी दलों के आईएनडीआईए गठबंधन को 122 सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। साथ ही बगैर किसी गठबंधन में शामिल हुए अलग चुनाव लड़ रहे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों को भी 49 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। बगैर किसी गठबंधन का चुनाव लड़ रहे दलों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और ओडिशा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल का नाम प्रमुख तौर पर लिया जा सकता है।
बहरहाल, डेलीहंट के सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा उम्मीदवार हैं। 64 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी को पसंद किया है, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 21.8 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया। इसके अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 4.3 फीसदी, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी को 1.3 फीसदी और 8 फीसदी ने अन्य को अपनी पसंद बताया। कुल मिलाकर विपक्ष के करीब-करीब बिखरे होने के कारण भाजपा को अब कांग्रेस से कोई खास दिक्कत नहीं होने वाली है। कांग्रेस चूंकि 2014 और 2019 से बहुत बेहतर स्थिति में नहीं है इसलिए भाजपा को मंजिल तक पहुंचने में बहुत मुश्किल नहीं होने वाली। फिलहाल तो ऐसा ही लगता है। हालांकि दूध का दूध और पानी का पानी तो 4 जून को ही होगा जब ईवीएम खुलेंगे।
प्रधानमंत्री के रूप में मोदी युवाओं की पहली पसंद
11 भाषायी क्षेत्रों में करीब 77 लाख लोगों की राय के बाद डेलीहंट के सर्वे का दावा है कि 45 साल से अधिक उम्र के 73 फीसदी लोग चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठें। वहीं, 18 साल व इससे अधिक उम्र के 70 फीसदी युवा चाहते हैं कि मोदी ही प्रधानमंत्री बनें। अगर प्रोफेशन की बात करें तो सैलरी पाने वाले 71 फीसदी लोगों की पसंद नरेंद्र मोदी हैं, जबकि 72 फीसदी रिटायर्ड लोग मोदी को दोबारा पीएम बनता देखना चाहते हैं। राज्यवार आंकड़े भी मोदी के ही पक्ष में हैं। सर्वे में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और हरियाणा सहित अधिकांश राज्यों के लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। वहीं, सबसे ज्यादा तमिलनाडु के लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें। तमिलनाडु में 44.1 फीसदी लोगों की पसंद राहुल हैं जबकि नरेंद्र मोदी के लिए 43.2 फीसदी लोगों ने हामी भरी है। सर्वे के जरिए यह भी जानने की कोशिश की गई कि सरकार के कल्याणकारी कामों से लोग कितने खुश हैं? सर्वे में करीब 54 फीसदी लोग मोदी सरकार से बहुत खुश दिखे तो करीब 25 फीसदी लोग सरकार से खुश नहीं हैं। 15 फीसदी से अधिक लोगों ने अपनी कोई राय नहीं दी।