स्टारबक्स के भारतीय सीईओ
लक्ष्मण नरसिम्हन की देखरेख में कंपनी भारत में तेजी से अपने कदम बढ़ा रही है। कंपनी की योजना देश में हर तीन दिन में एक नया स्टोर खोलने की है, जिससे साल 2028 तक स्टारबक्स के स्टोर की संख्या बढ़कर करीब एक हजार तक पहुंच जाए।
भारतीय मूल के लक्ष्मण नरसिम्हन पिछले साल पॉपुलर कॉफी हाउस चेन ‘स्टारबक्स’ के सीईओ बने हैं।
नरसिम्हन के पास वर्ल्ड की टॉप कंपनियों में काम का लंबा अनुभव है। इससे पहले वो एमएनसी ‘रेकिट’ के
सीईओ रह चुके हैं। लक्ष्मण नरसिम्हन का पुणे वाला घर और स्टारबक्स कोरेगांव पार्क स्टोर से कुछ मिनट की
दूरी पर है। नरसिम्हन ने एक अखबार को बताया कि ‘मेरी मां, जो अब सिएटल (अमेरिका) में मेरे साथ रहती
हैं।
वह पुणे में उस प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती थीं जो स्टारबक्स स्टोर से 400 मीटर से भी कम दूरी पर है। जब
मैं इस चैन को देखता था तो उस वक्त मुझे नहीं पता था कि मैं एक दिन स्टारबक्स का नेतृत्व भी करूंगा।’
नरसिम्हन की देखरेख में कंपनी भारत में तेजी से अपने कदम बढ़ा रही है। कंपनी की योजना देश में हर तीन
दिन में एक नया स्टोर खोलने की है, जिससे साल 2028 तक स्टारबक्स के स्टोर की संख्या बढ़कर करीब एक
हजार तक पहुंच जाए। स्टारबक्स भारत में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के साथ एक समान संयुक्त उद्यम के
जरिए काम करती है और एक रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल देश में 390 आउटलेट चलाती है।
सामने हैं कई चुनौतियां
नरसिम्हन हावर्ड शुल्त्स की जगह सीईओ बने हैं। इससे पहले ‘रेकिट’ के पूर्व सीईओ भी रह चुके है। वे मानते
हैं कि उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। शुल्त्स ने स्टारबक्स को एक लोकल सिएटल चेन से एक टॉप
ग्लोबल ब्रांड में बदल दिया। उन्होंने हावर्ड शुल्त्स से बहुत कुछ सीखा है। वह और उनकी टीम अब आगे का
नया रास्ता तैयार कर रही है। उनकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह ब्रांड और पार्टनर अनुभव को कैसे और
बेहतर बनाते हैं।
जिससे वह ग्राहकों की उम्मीदों से भी ज्यादा बढ़ सकें। ट्रिपल शॉट रिनवेंशन स्ट्रैटेजी के कई
हिस्से हैं जो स्टारबक्स ब्रांड को ऊपर उठाने, कंपनी की डिजिटल कैपिसिटी को मजबूत करने पर फोकस हैं।
लक्ष्मण नरसिम्हन के मुताबिक, ‘भारत ने कई बड़े वैश्विक ब्रांडों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। देश के लोगों
की इनकम बढ़ी है। स्टारबक्स के सीईओ के रूप में भारत लौटने से उन्हें पिछले दशक में भारत में हुए तेजी से
बदलाव को करीब से देखने का मौका मिला है। यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, तेजी से बढ़ते कस्टमर और
टेक्नोलॉजी का बड़े रूप में इस्तेमाल स्टारबक्स के स्टोर को तीसरे स्थान के रूप में मजबूत करने का एक
सुनहरा मौका है।’
यह अंतरराष्ट्रीय चेन निश्चित रूप से भारत में एक पसंद किया जाने वाला ब्रांड है, लेकिन बाजार में कड़ी
प्रतिस्पर्धा है और ब्रांडों के लिए बड़ी चुनौती यह है कि वह ‘जेन जेड’ और ‘मिलेनियल्स’ के साथ बने रह सकें।
‘थर्ड वेव कॉफी’ और ‘ब्लू टोकाई कॉफी’ रोस्टर्स जैसे लोकल प्लेयर्स के अलावा विदेशी ब्रांड ‘टिम हॉर्टन्स’ और
‘प्रेट ए मैंगर’ भी भारत में एंट्री कर चुके हैं।
खास तथ्य
हर तीन दिन में एक नया स्टोर खोलना चाहती है स्टारबक्स
लक्ष्मण नरसिम्हन पिछले साल बने हैं स्टारबक्स के सीईओ
अभी देश में स्टारबक्स के 390 आउटलेट चल रहे हैं
2028 तक 1000 आउटलेट खोलने की योजना