सत्र से पहले ही हो गया धमाका

युगवार्ता    05-Sep-2023   
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अभी विशेष सत्र को लेकर अटकलें चल ही रही थी कि प्रेसिडेंट ऑफ भारत के जरिए देश को एक बार फिर चौंका दिया है पीएम ने। एक देश एक चुनाव से लेकर समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण और महिला आरक्षण बिल तक लाये जाने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन लेकिन क्या बस इतनी सी बात है या मोदी-शाह के पिटारे में कुछ और भी है?

प्रेसिडेंट ऑफ भारत
युगवार्ता की खबर एक बार फिर सच साबित हुई है। विशेष सत्र शुरू होने से पहले ही एक धमाका हो गया। 3 सितंबर को ‘फिर कोई बड़ा धमाका करने की तैयारी!’ शीर्षक से प्रकाशित खबर में इस तरह की संभावना व्यक्त की गई थी। उल्लेखनीय है कि चौंकाने वाले फैसलों में यकीन रखने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर औपनिवेशिकता से मुक्ति के अनुरूप काम कर सबको चौंका दिया है। राष्ट्रपति भवन से 9 सितंबर को आयोजित होने वाले जी-20 डीनर के लिए जिन नेताओं को राष्ट्रपति का निमंत्रण पत्र भेजा गया है, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। जबकि अभी तक इसके लिए सामान्य प्रचलन में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया का ही प्रयोग किया जाता रहा है।
प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम से जी-20 के लिए मेहमानों को आमंत्रित कर मोदी सरकार ने एक बार फिर अपनी चौंकाने वाली उसी परंपरा को कायम रखा है। जी20 के ठीक बाद केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर पहले से ही सभी को विस्मय में डाल रखा था। अब प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम से निमंत्रण पत्र भेजकर सत्र से पहले ही एक नया धमाका कर दिया है। तो क्या विशेष सत्र में देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत रखने के लिए बिल लाया जा सकता है या फिर इससे भी आगे बढ़कर तैयारी है।
बहरहाल, 18 से 22 सितंबर तक आयोजित होने वाले इस पांच दिवसीय सत्र को लेकर और भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। एक देश एक चुनाव से लेकर समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण और महिला आरक्षण बिल तक लाये जाने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन वास्तव में होना क्या है, ये अभी किसी को नहीं पता। कयास यह भी है कि विशेष सत्र नए संसद भवन में हो सकता है। लेकिन क्या बस इतनी सी बात है या मोदी-शाह के पिटारे में कुछ और भी है?
प्रधानमंत्री मोदी की अब तक की कार्य प्रणाली को देखते हुए यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या संसद के विशेष सत्र में कुछ बहुत बड़ा होने वाला है?
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए विख्यात हैं उसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि इन्हीं में से कोई हो। हो सकता है कि उनके मन में इससे भी बड़ा कोई प्लान चल रहा हो। ऐसा इसलिए क्योंकि पूरे देश के लिए कोढ़ बन चुके जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व 35ए की समाप्ति की भनक किसी को भी नहीं लगी थी। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती का सटीक आकलन बड़े बड़े राजनीतिक पंडित भी नहीं कर पाये थे। मीडिया में अटकले चल रही थी कि अमरनाथ यात्रा में आतंकी हमले की आशंका की वजह से यात्रा को बीच में रोककर यात्रियों को वापस भेजा जा रहा है। लेकिन जब 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में जब गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 और 35ए के समापन की घोषणा की तभी लोगों को पता चल पाया। दूसरे उदाहरण के रूप में नोटबंदी की घोषणा को लिया जा सकता है। नोटबंदी सफल हुआ या असफल यह बात अलग है लेकिन उसकी भी घोषणा 8 नवंबर 2016 को अचानक ही हुई थी। उस दिन रात 8 बजे से पूर्व कोई इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता था। तब इसे पीएम मोदी का भ्रष्टाचार, आतंकवाद व काला धन के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक कहा गया था। घोषणा होने से पहले इसकी तनिक भी भनक किसी को नहीं लगी थी। जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी की अब तक की कार्य प्रणाली को देखते हुए इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि संसद के विशेष सत्र में कुछ बहुत बड़ा होने वाला है।
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बद्रीनाथ वर्मा

बद्रीनाथ वर्मा (सहायक संपादक)
देश-समाज से जुड़े विभिन्न विषयों पर बेबाक लेखन करने वाले बद्रीनाथ वर्मा ने अपनी पत्रकारिता की यात्रा ऐतिहासिक अखबार ‘दैनिक भारतमित्र‘ से शुरू की। अपने दो दशक से भी अधिक के कार्यकाल में वे कई पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। इन दिनों ‘युगवार्ता‘ पत्रिका में सहायक संपादक के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।