वर्तमान समय में मोबाइल एक अतिआवश्यक वस्तु है। इसके बगैर सामान्य व्यक्ति भी एक कदम आगे नहीं बढ़ा पाता है। बहुत से लोग आजकल अपने फोन में पर्सनल डाटा, नेट बैंकिंग, यूपीआई आदि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां रखते हैं। ऐसे में फोन खोने या चोरी होने से उन्हें बहुत बड़ा नुकसान होता है। सामान्यतया अधिकांश लोग फोन खोने या चोरी होने पर सिर्फ पुलिस में शिकायत दर्ज कर नया फोन लेकर आगे बढ़ जाते हैं। जबकि ऐसा करने पर कई लोगों को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। इसी समस्या को हल करने के लिए भारत सरकार ने वर्ल्ड टेलिकॉम डे (17 मई) को ‘संचार साथी’ पोर्टल शुरू किया है। इसके माध्यम से चोरी और खोए हुए फोन घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं या उसे ब्लॉक करा सकते हैं। ताकि फोन में सेव आपकी निजी एवं महत्वपूर्ण जानकारियां किसी दूसरे के हाथ में न जा सकें।
केंद्र की मोदी सरकार का इस पोर्टल को शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य केवल खोए हुए फोन को ढूंढने और चोरी हुए फोन को ब्लॉक करना नहीं है। बल्कि इसके साथ-साथ यह पोर्टल यही भी बताएगा कि आपके निजी आईडी पर कितने मोबाइल फोन और कितने सिम चल रहे हैं। इसके बाद आप अनचाहे मोबाइल नंबर को यहां बंद करा सकते हैं। ‘संचार साथी’ पोर्टल से उन सभी मोबाइल नंबर को भी बंद करा सकते हैं, जिन्हें आपके नाम यह आईडी पर कोई दूसरी व्यक्ति चला रहा है। इसके लिए व्यक्ति को पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज करना होगा। शिकायत दर्ज होने के बाद उस नंबर को बंद कर दिया जाएगा। यहां से ऐसे नंबर को भी आप बंद करवा सकते हैं जो आपने खुद एक्टिव कराया है लेकिन अब आपको उस नंबर की जरूरत नहीं है या फिर आप उस नंबर का उपयोग नहीं कर रहे हैं। पहले इसके लिए संबंधित कंपनी को फोन करना होता था। उसके कई सवालों का जवाब देना होता था या फिर उक्त नंबर को चलाने के लिए कंपनी कई तरह के प्रलोभन भी देती है। जिससे कई लोग असहज महसूस करते हैं। इतना सब ही नहीं, इस पोर्टल से आप अनचाहे फोन कॉल्स और टेलीकॉम फ्रॉड से संबंधित जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी और लोग फ्रॉड कॉल से सुरक्षित भी रह सकेंगे।
यह पोर्टल ‘एप्पल’ के ‘फाइंड माय फोन’ की तर्ज पर ही एंड्रॉयड फोन को भी खोज निकालेगा। 17 मई से पहले यह सुविधा (मोबाइल ट्रेसिंग की) दिल्ली, मुंबई में ही उपलब्ध थी। लेकिन अब इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया है। यह स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों को सशक्त बनाएगा, उनकी सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करेगा।
पोर्टल लॉन्च करने के बाद आईटी एवं टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘देश में डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ाने और टेलीकॉम यूजर्स की सेफ्टी को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इसे शुरू किया है। मोबाइल ब्लॉक करने के लिए सीईआईआर (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) शुरू की गई है। इसके अलावा एएसटीआर का इस्तेमाल करके फर्जी सिम यूजर्स की भी पहचान की जा सकेगी। अब तक कुल 40 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन की पहचान की गई है।’ लॉन्च होने से पहले दिल्ली और मुंबई में जारी इस सुविधा से अब तक 4,70,000 मोबाइल को ब्लॉक किया जा चुका है। वहीं 2,40,000 से ज्यादा मोबाइल फोन को ट्रैक किया गया है। इस पोर्टल की सहायता से 8 हजार मोबाइल को ढूंढ लिया गया है।