जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने पिछले दिनों पुंछ जिले में स्थित नवग्रह मंदिर में पूजा अर्चना की और शिवलिंग का जलाभिषेक किया। महबूबा मुफ्ती के मंदिर में पूजा को लेकर भारतीय जनता पार्टी जहां इसे नौटंकी बता रही है। वहीं इस्लामिक नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
हमारे देश के नेता वोटों की खातिर क्या कुछ कर सकते हैं इसकी बानगी पेश की हैं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने। वही महबूबा मुफ्ती जो जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के जनाजो में शिरकत करने की शौकीन हैं। लेकिन बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच उन्हें मंदिर में पूजा अर्चना व भगवान शिव पर जलाभिषेक करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। हालांकि वोटों के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक कर के महबूबा मुफ्ती ने मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों को नाराज कर दिया है।
चुनाव के कयासों के बीच नेताओं का भगवान की शरण में जाना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती महादेव के दरबार में पहुंच गई। पुंछ जिले के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान महबूबा मुफ्ती ने नवग्रह मंदिर में पूजा-अर्चना की। यहां उन्होंने पूरे मंदिर का भ्रमण किया और शिवलिंग पर जल भी चढ़ाया। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में बनी यशपाल शर्मा की प्रतिमा पर पुष्पवर्षा भी की।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के जलाभिषेक करने पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती के शिव दर्शन को ढोंग बताया है। नवग्रह मंदिर में प्रतिमाओं के दर्शन और शिवलिंग पर जलार्पण को भाजपा ने पाखंड करार देते हुए कहा कि साल 2008 में उन्होंने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को भूमि आबंटन का विरोध किया था और आज यह नौटंकी कर रही हैं।
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर महबूबा मुफ्ती से नाराजगी जताई और कहा कि इस्लाम मजहब में यह सब करना अनुचित है। उन्होंने कहा कि हमारे मजहब में शिव पर जलाभिषेक और मंदिर में पूजा करना गैर इस्लामिक है। देवबंद के मौलाना असद कासमी ने कहा, 'महबूबा मुफ्ती ने जो किया वह सही नहीं है। यह इस्लाम के खिलाफ है।' भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता रणवीर सिंह ने उनके इस विजिट को नौटंकी बताया है। उन्होंने कहा कि महबूतबा मुफ्ती को इस नौटंकी से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राजनीतिक नौटंकी से सुधार होता तो कश्मीर समृद्ध हो जाता।
मंदिर जाने व जलाभिषेक करने की इस बाध्यता के बारे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अक्सर कट्टरपंथियों, आतंकियों और पाकिस्तान की बात करने वालीं मुफ्ती इन दिनों सियासी मजबूरी के चलते बदली-बदली नजर आ रही हैं। उन्हें जम्मू संभाग के डोगरा समुदाय और प्रदेश में रहने वाले हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों के वोटों की चिंता सता रही है। मुस्लिम बहुल पुंछ में स्थित नवग्रह मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से चंद रोज पहले उन्होंने जम्मू में ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर बाजार का दौरा कर स्थानीय कारोबारियों की समस्याओं को उठाया। इसके अलावा भी वह कई जगह जम्मू के आर्थिक-सामाजिक हितों की बात करती नजर आ रही हैं। पहली बार उन्हें कश्मीर और मुस्लिम केंद्रित सियासत से आगे बढ़ते हुए देखा गया। इसपर पीडीपी का कहना है कि महबूबा कश्मीरी, डोगरा, हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सबके हितों की चिंता करती हैं। वहीं, सियासत पर नजर रखने वाले इसे सीधे वोटों की सियासत से जोड़ रहे हैं।
जम्मू कश्मीर की सियासत पर पकड़ रखने वालों के लिए ही नहीं, आमजन के लिए भी महबूबा के रवैये में यह बदलाव हैरान करने वाला है। उन्होंने पहले कभी जम्मू संभाग में किसी मंदिर का दौरा किया हो या जलाभिषेक किया हो, यह किसी को याद नहीं है। कश्मीर में वह मां क्षीर भवानी के मंदिर गई हैं, लेकिन वहां वह श्रद्धालुओं से बातचीत तक या मेला प्रबंधों की समीक्षा तक सीमित रहती थीं। महबूबा ने बीते माह जम्मू के विभिन्न कारोबारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने रघुनाथ बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की और उनकी बात को सुना ही नहीं बल्कि अगले दिन उसके आधार पर प्रदेश व केंद्र सरकार को लताड़ा भी।उन्होंने ऐतिहासिक रघुनाथ बाजार के सौंदर्यीकरण कार्य पर भी बात की, यह परियोजना पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के दौर में शुरू हुई थी।
अपने राजौरी-पुंछ के हालिया दौरे और उसके बाद जम्मू में पार्टी नेताओं की एक बैठक में महबूबा ने कहा कि भाजपा बेशक दावा करती है कि अगला मुख्यमंत्री जम्मू संभाग से होगा, डोगरा होगा, लेकिन जिस तरह से यहां बाहर से लोगों को बसाया जा रहा है, उससे अगला मुख्यमंत्री जम्मू का हिंदू-मुस्लिम या सिख नहीं बल्कि किसी अन्य राज्य से आकर जम्मू बसने वाला ही होगा। उनका कहना है कि स्थानीय अधिकारियों को प्रशासन में किनारे लगाया जा रहा है। वह यहां तक कहती हैं कि केंद्र सरकार चाहती तो जम्मू संभाग के किसी योग्य नागरिक को, डोगरा समुदाय के किसी प्रतिष्ठित नागरिक को प्रदेश का उप राज्यपाल बना सकती थी। वह संपत्ति कर की भी बात करती हैं।
राजनीतिक मामलों के जानकारों का कहना है कि महबूबा का जम्मू प्रेम और मंदिरों में जाना सीधे वोटों की सियासत है। महबूबा इसलिए जम्मू संभाग के लोगों विशेषकर हिंदुओं के साथ खुद को जोड़ने का प्रयास कर रही हैं, क्योंकि इस समय अतिक्रमण हटाओ अभियान, संपत्ति कर और सरकारी नौकरी की परीक्षा जैसे मुद्दे चल रहे हैं। जलाभिषेक के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं को अपने काम से काम रखने की ताकीद कर यह संदेश देने का प्रयास किया कि वह सभी धर्मों की इज्जत करती हैं। वह जम्मू संभाग में अपने राजनीतिक आधार को मजबूत करना चाहती हैं। पीडीपी नेता फिरदौस अहमद टाक ने कहा कि महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों की बात करती हैं। अगर उनके लिए वोट की सियासत अहमियत होती तो वह रघुनाथ मंदिर या पुंछ में शिव मंदिर में जाकर कट्टरपंथियों को नाराज नहीं करतीं। उन्हें सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों के आर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक हितों की चिंता है।