जी-20: दिल्ली डिक्लेरेशन के प्रमुख बिंदु
1. जी-20 के सदस्य अर्थव्यवस्था में महिलाओं की समान और प्रभावी भागीदारी को बढ़ावा देंगे ताकि लैंगिक असमानता खत्म हो सके।
2. जी-20 के देशों ने महामारी की रोकथाम के लिए वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का संकल्प लिया है ताकि भविष्य में इससे बेहतर तरीके से निपटा जाये।
3. जी-20 के सदस्यों ने सभी के लिए वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इसके लिए पौष्टिक अनाजों पर रिसर्च सहयोग को मजबूत किया जाएगा।
4. जी-20 के देशों ने एक नियम आधारित, निष्पक्ष, खुला, समावेशी, न्यायसंगत, टिकाऊ, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को अपनाने की पुष्टि की।
5. जी-20 के देश मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास में तेजी लाने के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही वे सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडे को लागू करने की दिशा में भी काम करना जारी रखेंगे।
6. डिक्लेरेशन में कहा गया है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी देश पीछे न छूटे। यह भी कहा गया है कि हम 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए भारत की तरफ से उठाए गए प्रयासों की सराहना करते हैं।
7. जी-20 के देशों ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकटों की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्यों में तेजी लाने का संकल्प लिया।
8. जी-20 के सदस्य देशों ने समावेशी, टिकाऊ और लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखला बनाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ काम करने को लेकर सहमति जताई। इसके साथ ही वे विकासशील देशों को मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने में सहायता भी करेंगे, जिससे ऋण संबंधी कमजोरियां हल होंगी और 'कोई भी पीछे न छूटे' नीति लागू हो पाएगी।
9. जी-20 देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण करने को लेकर रूस का नाम तो नहीं लिया, लेकिन क्षेत्रीय लाभ के लिए बल के प्रयोग की कड़ी आलोचना की।
10. जी-20 विकासशील देशों को मौजूदा और उभरती स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए मदद करेगा।